Sunday, December 14, 2008

सार्थक संवाद मौन में होता है http://googel.co.in

हमारे पिता के अभिन्न मित्र, रीवा विश्वविद्यालय के कुलपति, परम विद्वान राठौर अंकल घर पधारे हुए थे. उनके सानिध्य का भरपूर लाभ उठाने के इरादे से हमने उनसे पूछा की मेहेर बाबा अगर मौन न रख कर बोलते होते तो हम कितना कुछ उनसे सीख पाते. यह बात सुनते ही राठौर अंकल ने यह घटना सुनाई :
एक बार मेहेर बाबा ने मंडली जन से पूछा की बाबा ने मंडली जन से प्रश्न किया की ‘ जब दो लोग लड़ते हैं तो अपनी आवाज़ ऊंची कर के क्यों चिल्लाने लगते हैं जबकि वे पास पास ही होते हैं’?
सभी ने अपनी सोच के अनुसार उत्तर देने की कोशिश की. मंडली जन में एक डॉक्टर भी थे उन्होंने कहा कि ‘ऐद्रिनालिन' के स्त्राव होने के कारण ही इन्सान क्रोधित होने पर चिल्लाने लगता है’.
बाबा ने कहा की सभी लोगों ने किसी हद तक सही कारण बताये हैं.
बाबा ने समझाया की हालाँकि वे होते तो पास पास ही हैं पर उनके दिल एक दूसरे से कोसों दूर हो जाते हैं. वे चाहते है की संवाद कायम रख पाएं, एक दूसरे से बात कह पायें और इस बात का प्रयास भी वे करते हैं किंतु ऐसा वे कर नहीं पाते क्योंकि उनके दिलों की दूरियां बहुत बढ़ जाती है’.
बाबा ने मंडली जन से आगे पूछा की ‘क्या किसी नए -नवेले जोड़े को समुद्र के किनारे टहलते हुए देखा है?' सभी ने कहा ‘हाँ बाबा’।
बाबा ने पूछा की ‘वे क्या कर रहे थे’ . ‘वे ढेर सारी बात कर रहे थे’ मंडली जन में से एक ने कहा.
बाबा ने फ़िर कहा कुछ दिनों के बाद देखोगे की यह जोड़ा एक दूसरे का हाथ थाम कर, शाम को, समुद्र किनारे एकदम चुपचाप टहल रहा है. वे आपस में बिल्कुल भी बात नही कर रहे हैं. ‘ जी’ सभी मंडली जन ने सहमती प्रकट की.
बाबा ने पूछा ‘क्या तुम सब को लगता है की यह जोड़ा अब सचमुच खामोश है? बिल्कुल भी बात नही कर रहा है?'
अब बाबा ने समझाया की वास्तव में सबसे सार्थक और तीव्रता से संवाद तो अब हो रहा है. आपने बताया की सर्वाधिक सार्थक संवाद तरंगों के स्तर पर, हमेशा मौनावस्था में महसूस किया जाता है ,जब दिल करीब होते हैं, एक हो जाते हैं.
इस कहानी को सुनते के बाद राठौर अंकल मुस्कुरा कर हमारी और देखे. हमने सहमति के साथ ही साथ मन ही मन उन्हें धन्यवाद दिया.
प्रेमावतार मेहरे बाबा की जय !!!

Wednesday, November 26, 2008

नए लेख "चमत्कार होते हैं " http://google.co.in

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Monday, November 24, 2008

चमत्कार होते हैं....http://google.co.in


चमत्कार होते हैं!!! ईश्वर के प्रति भक्त की श्रद्धा से यह सम्भव होता है। चमत्कार तो मेरी टॉफियाँ हैं। जैसे किसी बच्चे को यदि A,B,C,D, सिखानी हो तो उसी आकार की टॉफियाँ अगर उसे चूसने के लिए दे दी जायें तो बच्चा जल्द ही इन अक्षरों को सीख जाएगा।
तुम्हें अपनी ओर आकर्षित करने के के लिए मैं चमत्कारों का उपयोग करता हूँ । फ़िर जो सार्थक है वह तुम्हें सौंपता हूँ।

Monday, November 10, 2008

परिवार से प्रेम करें यह ईश्वर प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ रास्ता है http://google.co.in

सभी बाधाओं को पार करते हुए तुलसीदास जी अपनी पत्नी रत्ना के समक्ष उपस्थित होते हैं। रत्ना हैरत में पड़ जाती हैं। वे सोचती हैं की इन प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने का दुस्साहस कर पाना सरल बात तो नहीं।

रत्ना, तुलसीदास जी की क्षमताओं को पहचान लेती हैं। वे अपनी वाणी के बल से कामनाओं के पीछे की उर्जा को नयी दिशा प्रदान करती हैं। तुलसीदास जी का जीवन बदल जाता है. वे राम चरित मानस जैसा अद्वितीय ग्रन्थ की रचना करते हैं।
अवतार मेहर बाबा कहते हैं, सर्वश्रेष्ट है की ब्रम्हचारी रहें. यदि यह सम्भव न हो तो सर्वोत्तम है की विवाह करें. पति, पत्नी एवं बच्चों का आपस का प्यार ईश्वर से प्रेम करना सिखा देता है।

प्रेम को नई दिशा देने से जीवन ही बदल जाता है। बस प्रेम की शक्ति को पहचानने भर की देर है। आप

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